टीबी क्या है ( What is TB in hindi)
T.B.एक संक्रामक बीमारी है, जो tuberclosis becteriya के कारण होती है इस बीमारी का सबसे अधिक प्रभाव फेफड़ो पर होता है, फेफड़ो के आलावा ब्रेन,uteras, मुह, लीवर, किडनी, गले अदि में भी टीबी हो सकता है, सबसे सामान्य फेफड़ो का तब होता है, जो की खासने छिकाने से जो मुह से छोटी छोटी बुँदे निकलती है जो हवा के माध्यम से दुसरे व्यक्ति के संपर्क में आने से टीबी फैलती है, T.B. एक ऐसी बीमारी है जो शरीर के जिस भाग में होती है यदि उसका समय पर इलाज न कराया जाये तो उस भाग को ख़राब कर देती है
टीबी होने के कारण (couses of TB in hindi)
रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम होना –
व्यक्ति में रोग प्रतिरोधक क्षमता का अच्छा होना बोहोत जरुरी होता है, यदि यह कम होती है तो व्यक्ति आसानी से किसी भी बीमारी की चपेट में आ सकता है, टीबी की बिमाँरी immunity power कम होने की वजह से भी होती है |
किडनी की बीमारी से ग्रस्त होना –
अक्सर ऐसा भी देखा गया है जिस व्यक्ति में किडनी को लेकर समस्या होती है उस व्यक्ति को टीबी होने की सम्भावना बढ जाती है
डायबिटीज से पीड़ित होना –
यदि किसी व्यक्ति को डायबिटीज है तो उसे अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना और उसका अच्छे से उपचार करना जरुरी है क्योकि इन मरीजो को आसानी से किसी भी बीमारी होने का खतरा ज्यादा होता है
किसी प्रकार के संक्रमण के संपर्क में आना –
यदि अप किसी भी प्रकार के communicable deases के संपर्क में आते है तो आपको T.B. होने का खतरा बढ जाता है

टीबी के लक्षण (Symtoms of TB in hindi )
खांसी आना –
T.B. में सुरवाती लक्षण खांसी आना है, क्योकि यह फेफड़ो को पहले प्रभावित करती है पहले तो सिर्फ खांसी आती है बाद में खांसी के साथ बलगम और खून भी आने लगता है दो हफ्ते या इससे ज्यादा खांसी आये तो T.B. की जाँच करा लेना चाहिए
बुखार बना रहना –
जिस व्यक्ति को T.B. होती है उन्हें लगातार बुखार बना रहता है शुरुआत में तो कम रहता है पर संक्रमण बदने पर धीरे धीरे तेज होने लगता है
थकावट होना –
T.B. के मरीज की बीमारी से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है जिससे उससे साँस लेने में भी परेशानी होती है और थोडा सा भी काम करने पर थकावट होने लगती है
पसीना आना –
पसीना आना भी टीबी का एक मुख्य लक्षण है, मरीज का रात में सोते समय पसीना आता है मौसम चाहे जैसा भी हो टीबी के मरीज को पसीना आता ही है
साँस लेने में परेशानी होना –
टीबी हो जाने पर खाशी तो आति है पर बार बार खांसी आने पर साँस फूलने लगती है जीस्से मरीज को साँस लेने में परेशानी होती है और सिने में दर्द भी होता है
टीबी का इलाज कैसे किया जा सकता है (Treatment of TB in hindi)
टीबी को निम्नलिखित तरीको से ठीक किया जा सकता है –
ब्लड टेस्ट कराना-
यह टीबी की बीमारी ठीक करने का सबसे असान तरीका है जिससे आसानी से बीमारी का पता लगाकर उसका उपचार किया जा सकता है इससे यह पता लगाया जा सकता है की व्यक्ति में T.B. किस स्तर तक बढ गई है
एक्स-रे करना-
कई बार टीबी का इलाज एक्स – रे द्वारा भी किया जाता इससे यह पता लगाया जा सकता है की T.B. की वजह से व्यक्ति की छाती कितनी ख़राब हुई है
दवाई लेना –
त.बी. का इलाज करने के लिए मरीज को दवाई लेना बोहोत ही जरुरी होता है इन दवाइयों द्वारा टीबी के tissu को नस्ट किया जाता है
आयुर्वेदिक इलाज कारना –
T.B. के इलाज में आयुर्वेदिक इलाज भी बहुत ही कारगर साबित होता है, किसी अच्छे विशेसग्य द्वारा आयुर्वेदिक इलाज लेना चाहिए
DOTS
डॉट्स (DOTS) यानी ‘डायरेक्टली ऑब्जर्व्ड ट्रीटमेंट शॉर्ट कोर्स’ टीबी के इलाज का अभियान है। इसमें टीबी की मुफ्त जांच से लेकर मुफ्त इलाज तक शामिल है। इस अभियान में हेल्थ वर्कर मरीज को अपने सामने दवा देते हैं ताकि मरीज दवा लेना न भूले। हेल्थ वर्कर मरीज और उसके परिवार की काउंसेलिंग भी करते हैं। साथ ही, इलाज के बाद भी मरीज पर निगाह रखते हैं। इसमें 95 फीसदी तक कामयाब इलाज होता है।
ऐसे बचें
-T.B. की रोकथाम के लिए बच्चों को बीसीजी का टीका लगवाएं। इसके लिए अपने नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
-T.B. के मरीज के संपर्क में आने से बचें। उनका बेड, तौलिया आदि शेयर न करें और एक ही कमरे में न सोएं।
-मास्क का इस्तेमाल करें।
अगर किसी को T.B. डायग्नॉज हो तो वे सार्वजनिक जगहों पर जाने से बचें। अगर आप घर से बाहर जा भी रहे हैं तो मास्क लगाकर जाएं जिससे बाकी लोग इस बैक्टीरिया के संपर्क में न आएं। डॉक्टर के संपर्क में रहें और इलाज पूरा करें।
Good information to our health… Thanku